बाबुल (ईरान का एक शहर) के लोग बुतों की पूजा किया करते थेI वहां आज़र नाम का एक आदमी बहुत खूबसूरत बुत बनाया करता थाI लोग उसकी बड़ी इज़्ज़त किया करते थेI उसके घराने में एक दिन एक लड़का पैदा हुआ I जिसका नाम इब्राहिम रखा गया I बच्चे की परवरिश एक अमीरज़ादे की हैसियत से होने लगी I बच्चा तेज़ी से बढ़ने लगा I बचपन से ही उसने अपने घर में मूर्तियों का कारखाना देखना शरू कर दिया I बच्चा कुछ बड़ा हुआ तो सोचने लगा यह सब क्या हैं?लोग इसका क्या करेंगे? कुछ और बड़ा होने पर पता चला की घर में बनने वाली यह मूर्तियां बुतखानो में पहुँच कर देवता बन जाती हैं I
फिर लोग इनकी पूजा करते हैं बच्चा सोचने लगा, हमारे घर में बनने वाली पत्थर की यह मूर्तियां देवता कैसे हो जाती हैं? चुनांचे एक दिन आपने घर वालो को उनके बारे में कुछ जानकारी हासिल करनी चाही तो जवाब मिला, अभी तुम छोटे हो यह बातें तुम्हारी समझ से बाहर हैंI यही हमारे बाप दादाओं का तरीका हैं, और हम भी उन्ही के तरीको पर अमल करते आ रहे हैंI फिर भी बच्चे यानि हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को तसल्ली नहीं हुई I
इसी तरह देखते सुनते बच्चा बड़ा हो गया I कोई उसे तसल्ली भरा जवाब न दे सका I उसने अपने दिल में सोचा मेरे ख्याल के मुताबिक अगर यह मूर्तियां देवता नहीं हैं, तो फिर दुनिया को पैदा करने वाला और मालिक कौन हैं? किसकी वजह से से ये पूरी कायनात चल रही हैं? इसी सोच में एक रात हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम घर से बाहर आये ऊपर नज़र डाली तो आसमान पर एक तारा बड़ा ज़ोरदार रौशनी बिखेरते हुए नज़र आया I आप सोचने लगे क्या यही खुदा हो सकता हैं? आप अभी कुछ फैसला न कर पाए की थोड़ी देर बाद चाँद निकल आया I उसकी रौशनी के आगे तारे की रौशनी काम पड़ गयी I आपने फिर सोचा क्या यह खुदा होगा? रात बीतती रही यहाँ तक की सुबह की सफेदी ज़ाहिर हुई और थोड़ी देर बाद सूरज निकल आया सूरज को देखकर आपने मन में सवाल किया, यह तो तारे और चाँद से भी ज़्यादा रौशनी वाला और ताकतवर नज़र आ रहा हैं, तो क्या यह खुदा होगा?
शाम होते होते सूरज की रौशनी भी कम हो गयी और सूरज डूब गया फिर आपने एलान फ़रमाया यह सब खुदा नहीं बल्कि खुदा की मखलूक हैंI इन सबको पैदा करने वाला और सारे जहाँ का पालनहार ही खुदा हैंI मै उसी पर ईमान रखता हूँ, उसे ही अपना माबूद मानता हूँ I चाँद तारो और सूरज की पूजा करने वाले और उन्हें अपना खुदा मानने वाले गलत हैंI
इस तरह आप हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम हकीकत की जिस मंज़िल पर पहुँच चुके थे, और लोगो को भी वहाँ तक पहुँचाना चाहते थेI फिर उन्होंने लोगो को एक खुदा के बारे में समझाना शुरू कर दिया, लेकिन लोग बिन देखे खुदा की इबादत करने के लिए राज़ी नहीं हुए I क्यूंकि वह बरसों से जिनकी पूजा करते चले आ रहे थे, उन्हें छोड़ना आसान नहीं था I आपने उन्हें बहुत समझाया लेकिन लोग उस खुदा को मानने के लिए तैयार न हुए I इस बात की वजह से लोगो ने आपके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया I यहाँ तक की इस बात से खफा होकर उस वक़्त वहाँ के बादशाह ने आपको आग के दहकते हुए अंगारो में डाल दिया I आग के दहकते अंगारो में डालने के बावजूद आग आपको जला न सकी I क्यूंकि आप को खुदा पर पूरा भरोसा था और खुदा ने आपको जलने से बचा लिया I
आपने हक़ की राह में बड़ी बड़ी कुर्बानियां पेश फ़रमाई हैंI अल्लाह की राह में उसकी रज़ा के लिए आपने अपना वतन तक छोड़ दिया I आपने अपने चहिते बेटे को अल्लाह राह में कुर्बान करने को तैयार हो गए I लेकिन खुदा का करिश्मा ऐसा था की ऐसा होने नहीं दिया I इसी करिश्मे की याद में आज बकरा ईद का त्यौहार मनाया जाता हैं I अल्लाह पाक ने आपको हर इम्तेहान में कामयाबी और दुनिया व आख़िरत की सुखरूई बख्शी I आपको खुदा की और से पैगम्बर का दर्जा दिया गया I
Hazrat mussa
जवाब देंहटाएंहज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें https://www.islamilm.in/2022/10/hazrat-musa-alaihissalam-ka-kissa.html
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