आजकल काफी लोग जो अच्छी कमाई कर रहे हैं, उनको यह कहते आपने सुना होगा की साहब इतने में गुज़ारा नहीं होता। एक वक़्त वह भी था जब काम आमदनी में भी लोग अच्छी तरह से ज़िन्दगी गुज़ार लिया करते थे। उनकी ज़रूरतें उनकी मामूली आमदनी में पूरी हो जाया करती थी। लेकिन आज हालात बिलकुल बदल चुके हैं। आज आदमी खूब कमाता हैं, अच्छे से खाता हैं, बेहतरीन जोड़े पहनता हैं, अच्छे मकानों में रहता हैं, फिर भी वह शिकायत करता हैं की इस आमदनी में गुज़ारा नहीं होता। आज हर तरफ यही हाहाकार मचा हैं की इतनी तनख्वाह या आमदनी में हम खुश नहीं हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह हैं की आजकल के लोग अपने आस पास के लोगों रिश्तेदारों को देख कर अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। कहने का मतलब ये हैं की फलाना आदमी का कोई रिश्तेदार, दोस्त या पड़ोसी बहुत अमीर हैं या अच्छा कमा रहा हैं तो आदमी यह सोचता हैं की मै ऐसा क्यों नहीं हूँ। मैं इतना अमीर क्यों नहीं हूँ। मै इतना अच्छा क्यों नहीं कमा रहा हूँ। बस यह सोच से आजकल की पीढ़ियों का चैन और सुकून गायब हो चूका हैं। लोग एक दूसरे से जलने लग गए है। नतीजा यह होता हैं की काफी लोग अच्छा कमाते हुए भी ये कहते हैं गुज़ारा नहीं होता।
ऐसे इंसान यह हकीकत भूल गए हैं की इस दुनिया को बसाने चलाने वाला सिर्फ अल्लाह हैं। वही हमें रोज़ी देता हैं। वही हमारी ज़रूरतें पूरी फरमाता हैं। सब इंसानो की किस्मत उसके पैदा होते ही लिख ली जाती हैं की वह अपनी ज़िन्दगी में क्या करेगा और कब मरेगा। कोई इंसान इस चीज़ को बदल नहीं सकता हैं। कहने का मतलब अल्लाह ने जिस इंसान की जैसी किस्मत लिख दी उसे कोई बदल नहीं सकता।
आजकल के लोगो को इस बात की फ़िक्र नहीं की अगर हवा बंद हो जाये तो क्या होगा? बादल न हो तो बारिश कैसे आएगी? बारिश न हुई तो पानी कौन देगा? ज़मीन न हो तो अनाज कौन देगा? ये बातें कोई नहीं सोचता। बस उन्हें फ़िक्र रहती हैं तो बस अपनी कमाई की ! अल्लाह भी ऐसे लोगो से खफा रहता हैं जो हर वक़्त यह कहते रहते हैं की घर चलाना मुश्किल हो रहा हैं। इस आमदनी में गुज़ारा नहीं हो रहा और न जाने तरह तरह की बातें। ऐसा सोचने वाले लोग कभी आगे नहीं बढ़ पाते न ही अल्लाह उनकी मदद करता हैं। बल्कि अल्लाह उनकी मदद करता हैं जो अल्लाह की दी हुई ज़िन्दगी से खुश हैं। जो अपनी कमाई अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर देते हैं, यानि लोगो की मदद करते हैं। ज़कात खैरात देते हैं। ऐसे लोगो को अल्लाह ज़बरदस्त कामयाबी देता हैं और ऐसे लोगों को और कमज़ोर करता हैं जो हर वक़्त अपनी कमाई को कोसते हैं।
हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया, अगर तुमने खुदा से सोना चाँदी हीरे जवाहरात की मांग कर ली और खुदा ने अगर तुम्हे वह सब दे भी दिया और दूसरी तरफ खाने का अनाज, पीने के पानी, अगर ये खुदा ने बंद कर दिया तो इतने पैसे हीरे मोती का क्या मतलब? क्या करोगे उसे रखकर जब ज़िंदा ही नहीं रहोगे। इसलिए अल्लाह से हर वक़्त यह दुआ करें की उसने जो भी चीज़े दुनिया में बनायीं हैं, चाहे वो खाना हो या पानी चाहे पैसा हो या अच्छा मकान, आप हर वह चीज़ जो आप अपनी ज़िन्दगी में चाहते हो उसे पाने के लिए हर वक़्त अल्लाह से सच्चे दिल से दुआ करें, उसको पाने के लिए मेहनत करें। बेशक अल्लाह आपको वो हर चीज़ देगा जिसकी ख़्वाहिश आप रखते हैं और अल्लाह का हर वक़्त शुक्र अदा करें की अल्लाह ने आपको यह कीमती ज़िन्दगी दी हैं। जिससे आप जी रहे है।
मुसीबतें और परेशानियां तो अल्लाह की दी हुई एक आज़माइश हैं। अल्लाह भी देखता हैं की मेरे बन्दे किस वक़्त मुझे याद करते हैं, क्यूंकि मुसीबतों के वक़्त तो लोगों को अल्लाह की याद आ जाती हैं और सब कुछ सही चल रहा हो तो कोई खुदा को याद नहीं करता। फिर भी अल्लाह बड़ा मेहरबान हैं। वह अपने बन्दों को ज़िंदा रखने के लिए उनकी हर ज़रूरते पूरी कर रहा हैं जिससे वो दुनिया में जी सके।
लेकिन आजकल का इंसान ऐसा नहीं रहा। उसे अल्लाह का बिलकुल खौफ नहीं रहा। वह दौलत के नशे में इस कदर चूर हो चुका हैं की जो चीज़े शरीयत के खिलाफ हैं। वह कर रहा हैं।आज इंसान हलाल और हराम में फर्क नहीं करता, उसे बस पैसो से मतलब हैं चाहे जैसा भी काम हो। ये एक बहुत बड़ी तबाही का एक इशारा हैं। ऐसे लोगों का आख़िरत में जो हश्र होगा अगर वह सपने में उसकी हक़ीक़त देख ले तो वह सोच कर ही डर से मर जाये। आपको ये बता दे की ऐसी चीज़े क़यामत का एक इशारा हैं। आप ऐसी गलत चीज़ों,कामों से बचे।
आखिर में यही सलाह देंगे की आप हर वक़्त अपने रब का शुक्र अदा करें क्यूंकि उसने हर वो चीज़ जिससे आप ज़िंदा हो वो आपको दी हैं। गलत कामों से बचे।अपने आस पास के लोगों से जलना बंद करे। चाहे कोई कितना भी अमीर हो अगर वो हलाल कमाई से अमीर बना हैं तो बिलकुल उसके जैसा बनने की सोचे और मेहनत करें। अल्लाह आपकी मदद करेगा। दूसरी तरफ अगर कोई झूठ फरेब हराम कमाई से अमीर बना हैं तो उसके आस पास भी न घूमे क्यूंकि ऐसे लोग ज़िंदा शैतान की तरह हैं। जो मांगना हैं अल्लाह से मांगे। अगर कोई आप को ऐसा बोल रहा हैं की तुम कहाँ हम कहाँ वगैरह बातें तो उनकी बातों पर ध्यान न दो। क्यूंकि अल्लाह सब देख रहा हैं वह ऐसे इंसानो को किसी न किसी दिन उनके ऐसे बर्ताव का हश्र ज़रूर देता हैं और आखिर में सबसे बड़ी बात आप जो कमा रहे हैं, उसका अल्लाह से शुक्र अदा करें और दुआ करो की अल्लाह तुम्हे इतनी दौलत दे की तुम ज़्यादा से ज़्यादा गरीबो मिस्कीनों के लिए ज़कात खैरात दे सको। आमीन
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