हमारे नबी पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम में ऐसी कई खूबियां और खसूसियत थी, जिनके बारे में काफी लोगो को मालूमात नहीं हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको उनकी कुछ खूबियां चमत्कार और खसूसियत के बारे में बताएँगे।
- अल्लाह पाक ने सब से पहले अपने नूर से अपने प्यारे रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नूर को पैदा फ़रमाया। सब से पहले आप ही को नुबूवत बख्शी गयी।
- आपका नाम अर्श पर लिखा गया।
- हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के दुनियां में तशरीफ़ लाने की बशारतें पहली आसमानी किताबों में मौजूद थी।
- पैदाइश के वक़्त हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बदन पर किसी तरह की कोई गन्दी चीज़ नहीं थी।
- आप की पैदाइश के वक़्त ऐसा नूर ज़ाहिर हुआ जिसकी रौशनी में आपकी वालिदा हज़रत बीबी आमेना ने ईरान के बादशाह के महल को देख लिया था।
- आप में ऐसी खूबियां थी की आप आसमान की तरफ ऊँगली से इशारा फरमाते तो चाँद इधर उधर हो जाया करता।
- आप पीठ पीछे से उसी तरह देखते थे जिस तरह सामने देखा करते थे।
- खारा पानी आपके मुबारक थूक के असर से मीठा हो जाया करता।
- हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम कभी किसी पर गुस्सा नहीं किया करते थे।
- आपकी बगल सफ़ेद थी। आपकी बगल में बाल नहीं थे।
- आपकी मुबारक आवाज़ दूर दूर तक पहुँच जाया करती थी।
- आप जब छोटे थे तब फ़रिश्ते आप को झूला झुलाया करते थे।
- आप दूर दराज़ की बातें सुन लिया करते थे और आज भी आप अपनी उम्मत का पढ़ा दुरुद और सलाम सुन लिया करते हैं।
- आप को ज़िन्दगी भर कभी उबासी नहीं आयी।
- आपके मुबारक पसीने से मुश्क की (एक खास तेज़ खुशबू) आया करती थी।
- आप के अलावा किसी और नबी,रसूल को मेराज नसीब नहीं हुई। (मेराज का अर्थ सीढ़ी अथवा मुलाकात है। इस रात को हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात की रात भी कहते हैं।
- आपके लिए पूरी ज़मीन मस्जिद बना दी गयी थी।
- जब आप धुप में चलते तो उस वक़्त बादल भी आप पर साया कर लिया करते थे।
- हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने 1400 साल पहले ही लोगो को महामारी से बचने के तरीके बता दिए थे।
- आपकी परछाई ज़मीन पर नहीं पड़ती थी।
- आपके बदन और कपड़ो पर कभी मक्खी नहीं बैठती थी।
- आपके पेशाब वगैरह का निशान ज़मीन पर नहीं रहता था बल्कि ज़मीन उसे खा पी जाया करती थी।
- आप जब किसी जानवर पर सवार होते तो वह जानवर पेशाब वगैरह नहीं करा करता था।
- आपने अपने सिर की आँखों से अपने रब का दीदार फ़रमाया।
- आप जब खुदा की राह में जिहाद (संघर्ष करना) के लिए निकलते तब फरिश्तों की फौज आपकी मदद के लिए उतरा करती। (जिहाद का मतलब अमन शांति के लिए संघर्ष करना हैं)। जिहाद कई तरह का होता हैं जैसे अन्याय के खिलाफ लड़ना, हक़ के लिए लड़ना,अमन और शांति के लिए संघर्ष करना धर्म का प्रचार करना इत्यादि।
- आपने अपनी ऊँगली मुबारक के एक इशारे से चाँद के 2 टुकड़े कर दिए थे।
- आपने हज़रत जिब्राइल अलैहिस्सलाम को उन की असली सूरत में देखा।
- सोते वक़्त आपकी आंखे बंद रहा करती लेकिन आपका दिल बेदार रहा करता था।
- अज़ान और इक़ामत में आप ही का नाम लिया जाता हैं।
- आप नींद में भी अल्लाह की इबादत किया करते थे।
- क़यामत के दिन सब से पहले आप अपनी कब्र से बाहर तशरीफ़ लाएंगे आप उस वक़्त बुराक़ (जन्नती घोडा) पर सवार होंगे और 70 हज़ार फ़रिश्ते आप के साथ होंगे।
- क़यामत के दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और आपकी सारी औलादें आपके झंडे की नीचे होगी।
- क़यामत के दिन हर नबी आपकी उम्मत के साथ आपके पीछे होंगे।
- सब से पहले आपको अल्लाह का दीदार नसीब होगा।
- सब से पहले आप अपनी उम्मत के साथ पुलसिरत पार करेंगे।
इन सब के अलावा ऐसी कई खूबियां थी, जो अल्लाह ने आपको अता फ़रमाई। हमें अपने ऐसे मुअज़्ज़म नबी का उम्मती होने पर फख्र हैं।
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