जहेज़ (दहेज) एक तरह की प्रथा है, जो आजकल के समाज में एक धंधा सा बन गया है और यह धंधा बड़ी तेज़ी से फ़ैल रहा हैं। जैसे जैसे महंगाई बढ़ रही हैं जहेज़ की कीमत भी बढ़ती जा रही हैं। इस्लाम में जहेज़ को एक लानत कहा गया हैं। ये प्रथा इस्लामी शरीयत के खिलाफ हैं। इसे इस्लाम में कोई दर्जा हासिल नहीं हैं न ही ऐसा कोई अल्फ़ाज़ इस्लाम की किसी किताब में लिखा हैं।
जहेज़ का मतलब
आज के ज़माने में जहेज़ का मतलब अपनी बेटी या दामाद को शादी के वक़्त कुछ सामान या संपत्ति अपनी हैसियत के मुताबिक देना जहेज़ (दहेज) कहलाता हैं। इसका मतलब यह नहीं की ये आपको देना ही हैं। अगर कोई लड़का या उसका परिवार किसी लड़की के माँ बाप से आगे रहकर कुछ मांग रहा हैं या उसकी डिमांड कर रहा हैं तो यह इस्लाम में नाजायज़ हैं। ऐसा करने वाले शख्स की इस्लाम में कोई जगह नहीं। हर माँ बाप अपनी बेटी को कुछ न कुछ देने का शौक या जज़्बा रखते हैं। अगर ख़ुशी से दे रहे हैं तो कोई बुराई नहीं, लेकिन लड़के वालो की तरफ से फरमाईश करना या ऐसा कहना की ये तो हमें यह चाहिए ही सही नहीं तो शादी नहीं होगी ये कहना गलत हैं। ऐसा करने वाले लोग क़यामत में खुदा के अज़ाब का शिकार बनेंगे।
जहेज़ की लानत की वजह से आजकल कुछ गरीब माँ बाप लड़की के पैदा होने पर बहुत परेशान हो जाते हैं और लड़की के पैदा होने पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हैं। जबकि लड़की तो खुदा का दिया हुआ एक तोहफा हैं। अपनी बेटियों को एक बोझ न समझे। उन्हें अल्लाह की दी हुई नेमत समझे। अगर कोई आप से जहेज़ की मांग कर रहा है तो इसमें अपनी बेटी की गलती न माने। आप उस वक़्त अल्लाह का शुक्र अदा करिये की आपकी लड़की एक लालची शख्स या परिवार में जाने से बच गयी। ऐसे घरो में शादी हरगिज़ न करे जहाँ आपसे जहेज़ की मांग की जाये।
क्या कहती है हदीस?
एक हदीस के मुताबिक रहमते आलम पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने भी अपनी बेटी को घर गृहस्थी के कुछ सामान दिए थे। अगर माँ बाप थोड़ा बहुत सामान अपनी हैसियत के मुताबिक दे देते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन ऐसे सामानो की लड़के वालो की तरफ से फरमाईश करना गैर इस्लामिक हैं। इस्लाम में मेहर की बात ज़रूर की गयी हैं जो की लड़के वाले देते है। जहेज़ नाम का कोई शब्द इस्लाम में कही नहीं आया है। एक बाप अपनी बेटी को किसी और परिवार के हवाले कर रहा है वही बड़ी बात है बाकि कौन माँ बाप चाहते हैं की अपनी बच्ची को उनकी आँखों से दूर रखे।
आजकल के दौर में देखने में आता हैं की लड़के वाले लड़के के लिए अच्छी खूबसूरत लड़की तलाशते हैं। भले ही लड़का कैसा भी हो। उनको लड़की खूबसूरत चाहिए। ऊपर से तरह तरह की फरमाइश करते है की लड़की कितनी पढ़ी हैं, कहने का मतलब लड़के के स्टैण्डर्ड के मुताबिक है भी या नहीं। चाहे लड़का आवारा ही क्यों न हो या बेरोज़गार हो। ऊपर से लड़की के बाप की हैसियत भी देखते हैं की ये बाप इतना जहेज़ देने के लायक हैं भी या नहीं? अगर नहीं हैं तो लोग उस घर में शादी नहीं करते। भले ही लड़की कितनी भी खूबसूरत या नमाज़ी परहेज़गार हो। ऐसे लोगो को समाज को यह दिखाना होता हैं की हमने इतने बड़े घर में अपने लड़के की शादी की हैं। लड़के के ससुर के पास इतने पैसा हैं तो लड़के के आराम ही आराम है। जो लड़की पहले देखी थी उसके घर के हालत सही नहीं थे। घर भी छोटा था और लड़की का बाप भी गरीब था फलाना बातें।
ऐसा करने से समाज की गरीब लड़कियों को शादी अच्छे घरो में नहीं हो पाती और ऐसी गरीब घर की नेक अख़लाक़ लड़कियों को फिर ज़्यादा उम्र के नौजवानो से शादी करनी पड़ती हैं। जो की उन लड़कियों के काबिल नहीं होते। माँ बाप भी ऐसी लड़कियों की बढ़ती उम्र देखकर किसी से भी उनकी शादी करवाने को राज़ी हो जाते है।
जहेज़ और हमारा समाज
आजकल देखने में आता हैं की अगर लड़का डॉक्टर इंजीनियर हैं तो लड़के वाले उसके रुतबे के मुताबिक लड़की वालो से मनमर्ज़ी जहेज़ की मांग करते हैं की हमारा लड़का तो सरकारी अफसर हैं इतना कमाता है तो हमें भी इतना जहेज़ चाहिये और बारातियों के लिए अच्छा खाना चाहिए। गाड़ी चाहिए, कैश पैसा चाहिए, फलाना बातें। भले ही लड़की का बाप उसके लायक है या नहीं? मज़बूरी में ऐसे माँ बाप को अपनी बच्ची को ख़ुशी के लिए लाखो का कर्ज़ा लेना पड़ता है। ताकि उनकी बच्ची अच्छे घर में जाये। ऐसे माँ बाप को एक बार ये सोचना चाहिए की ऐसे लोग अगर पहले से इतना कुछ मांग रहे हैं तो आगे कितना मांगेंगे और क्या गारंटी हैं की उनकी लड़की उस घर में खुश रहेगी? हो सकता हैं भले ही लड़का सरकारी नौकरी में है या बड़ा बिज़नेस करता हैं लेकिन शराबी हो या आवारा किस्म का लड़का हो और शादी के बाद आपकी बेटी के साथ मार पिट करे और उसकी ज़िन्दगी हराम कर दे।
इसलिए हर माँ बाप को चाहिए की अपनी बेटियों का रिश्ता पैसा देख कर ही न करे। कौम में ऐसे कई लड़के मिल जायेंगे जो भले ही कम कमाई करते हो लेकिन हो सकता हैं वहाँ आपकी बेटी ज़िन्दगी भर खुश रहे। क्यूंकि ख़ुशी सिर्फ प्यार से आती हैं। अगर ज़िन्दगी में प्यार नहीं तो पैसा भी किस काम का। अगर दो लोगो में प्यार ही नहीं तो कोई कितना भी पैसे वाला हो वहाँ आपकी लड़की खुश नहीं रह सकती।
दूसरी ज़रूरी बात जब आप अपनी लड़की की शादी करे तो उसे एक बात ज़रूर बताये की हमने अच्छा लड़का देखकर तुम्हरी शादी की हैं और यही उम्मीद करते है की यह लड़का तुम्हे ज़िन्दगी भर खुश रखेगा अगर ख़राब निकल जाता हैं तो घर के दरवाज़े तुम्हारे लिए ज़िन्दगी भर के लिए खुले हैं।
इस जहेज़ ने न जाने कितनी लड़कियों की ज़िन्दगी तबाह कर दी है। ऐसे लोग जो लड़कियों के साथ जहेज़ के नाम पर उससे और उसके माँ बाप को परेशान करते हैं भले ही ज़िन्दगी रहते बच जाये लेकिन खुदा से उन्हें कोई नहीं बचा सकता।
जहेज़ के मामले में आपको क्या करना चाहिए?
एक अच्छे और नेक लड़के या परिवार की यह पहचान हैं की वह लड़की के घर वालो से जहेज़ की बिलकुल बात न करे और लड़की के घर वालो को यही बोले की हमें बस आपकी लड़की चाहिए। यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात हैं। जहेज़ की बात पर बिलकुल सख्ती से लड़की के बाप को मना करे की हमें जहेज़ की ज़रूरत नहीं। इससे अगर कोई गरीब बाप का बोझ कम होता हैं और उसके चेहरे पर एक ख़ुशी आती हैं तो वही ख़ुशी आपको जन्नत के रास्ते तक ले जाएगी। फिर भी अगर लड़की का बाप कुछ सामान देना चाहता हैं ताकि उसकी लड़की को आगे कोई तंग न करे तो लड़के को चाहिए की लड़का पहले से ही अपनी कमाई से ऐसा सामान घर में लेकर कर रख दे और लड़की के बाप को बोले की आप जो सामान देना चाहते हैं वह सारा सामान हमारे घर में मौजूद हैं और सामान की ज़रूरत नहीं और सामान रखने की जगह भी नहीं हैं। यह नेक काम करने से बेशक अल्लाह आपसे खुश होगा। उसके बावजूद लड़की के माँ बाप कुछ देना चाहते है तो फिर आप मना मत करे।
यही इस्लाम हमें सिखाता हैं की आप ऐसा काम करे की आप समाज के लिए एक मिसाल बन जाये और जहेज़ जैसी लानत ख़त्म हो जाये। अगर आपको अपनी आख़िरत सुधारनी हैं तो इस्लामी तौर और तरीको पर अमल करे। जहेज़ इस्लाम में अभी तक क्यों ज़िंदा हैं? इसकी वजह यही की की हमारी ज़िन्दगी के अंदाज़ और तौर तरीका इस्लामी नहीं है। लिहाज़ा आप से गुज़ारिश हैं की शादी जैसे मुबारक दिन का मज़ाक न बनाये। शादी में फ़िज़ूल खर्चे से बचे। जहेज़ न मांगे और जिस लड़की को अपने घर ला रहे हैं उसे अपनी ही बेटी समझ कर घर पर लाएं और लड़के और उसके परिवार को चाहिए लड़की को अहसास भी न होने दे की वह किसी पराये घर में आयी हैं।
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