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आयतें शिफा क्या है? जानिए इसे पढ़ने के अद्भुत फायदे

आयतें शिफा

इस्लाम एक दीन है जो हर समस्या का हल पेश करता है, चाहे वह रूहानी हो या जिस्मानी। इस्लामिक शिक्षाओं में कुरान मजीद को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, और इसके हर एक लफ्ज़ में बरकत और शिफा छिपी है। कुरान की आयतें हर तरह की बीमारियों से निजात पाने और रूहानी फायदों के लिए पढ़ी जाती हैं। इन्हीं में से एक अहम आयत हैं ‘आयाते शिफा’ जिसे खास तौर पर बीमारियों से शिफा पाने के लिए पढ़ा जाता है।

आयते शिफा क्या है?

आयते शिफा दरअसल कुरान मजीद की छह आयतें हैं, जिन्हें इस्लामी इतिहास और तहजीब में शिफा यानी इलाज के लिए खास तौर पर माना जाता है। इन आयतों का जुड़ाव रूहानी और जिस्मानी बीमारियों से है, और मुस्लिम धर्म में यह यकीन किया जाता है कि इन आयातों की तिलावत से अल्लाह तआला अपने बंदों को हर मर्ज से शिफा देता है। आयते शिफा की तिलावत करने वाले इंसान को न सिर्फ जिस्मानी तकलीफों से बल्कि रूहानी परेशानियों से भी राहत मिलती है।

आयते शिफा की छः आयतें कौनसी हैं?

सूरह अल-तौबा (9:14)

अल्लाह फरमाता है: "और अल्लाह उन्हें अज़ाब देगा, और तुम्हारे हाथों उन्हें सज़ा देगा, और वह उन्हें रुसवा करेगा, और तुमसे उनकी जगह लेगा, और उनके दिलों से ग़म को दूर करेगा।"

सूरह यूनुस (10:57)

"ऐ लोगों! तुम्हारे पास तुम्हारे रब की तरफ से नसीहत और दिलों की बीमारियों की शिफा आ चुकी है, और ईमान वालों के लिए हिदायत और रहमत है।"

सूरह अन-नहल (16:69)

"फिर हर किस्म के फल से खाओ और अपने रब की राहों में इख्तियार करो, जिनसे तुम्हारी खाल से एक मशरूब निकलती है, जिसमें लोगों के लिए शिफा है।"

सूरह अल-इसरा (17:82)

"और हम कुरान में से वह चीज़ नाज़िल करते हैं जो मोमिनों के लिए शिफा और रहमत है, और वह जालिमों के नुकसान में इज़ाफा करता है।"

सूरह अश-शुअरा (26:80)

"और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे शिफा देता है।"

सूरह फ़ुस्सिलात (41:44)

"कह दो, यह ईमान वालों के लिए हिदायत और शिफा है, और जो ईमान नहीं लाते उनके कानों में बहरेपन का रोग है, और यह उनके लिए अंधापन है।"

आयते शिफा पढ़ने के फायदे

जिस्मानी बीमारियों से निजात

आयते शिफा की तिलावत करने से किसी भी किस्म की जिस्मानी बीमारी से निजात मिलती है। मुस्लिम धर्म में यह आम यकीन है कि जब इंसान किसी ऐसी बीमारी से परेशान हो जिसे डॉक्टरी इलाज में कोई खास फायदा न हो रहा हो, तो वह इन आयातों की तिलावत से अल्लाह से शिफा मांग सकता है। खास तौर पर जिन बीमारियों में इंसान की उम्मीदें कमज़ोर हो जाती हैं, वहां यह आयात रूहानी ताकत प्रदान करती हैं।

रूहानी बीमारियों का इलाज

जैसा कि इस्लाम में सिर्फ जिस्मानी बीमारियां नहीं बल्कि रूहानी बीमारियों पर भी ध्यान दिया गया है। ऐसे हालात में जब इंसान पर किसी जादू या नज़र का असर होता है, तो भी आयते शिफा की तिलावत से शिफा मिलती है। इससे इंसान की रूहानी ताकत बढ़ती है और उसके दिल और दिमाग को सुकून मिलता है।

ईमान और यकीन को मजबूत करना

आयते शिफा की तिलावत का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इंसान का अल्लाह पर यकीन और भरोसा मजबूत होता है। जब इंसान मुश्किल वक्त में अल्लाह की मदद मांगता है और कुरान की आयतों की तिलावत करता है, तो उसका दिल अल्लाह की रहमत पर भरोसा करता है और उसकी तकलीफें कम हो जाती हैं।

अल-हकीम और अल-शाफ़ी के नामों का असर

आयते शिफा में अल्लाह के दो अहम नामों का ज़िक्र किया गया है - अल-हकीम (सर्वज्ञ) और अल-शाफ़ी (शिफा देने वाला)। जब कोई मुसलमान इन आयातों को पढ़ता है, तो उसे यह यकीन होता है कि अल्लाह ही हर किस्म की बीमारी का इलाज देने वाला है। इस यकीन के साथ की गई दुआओं का असर ज़रूर होता है।

दिल और दिमाग की बीमारियों का इलाज

आज की दुनिया में जहाँ मानसिक तनाव और डिप्रेशन आम समस्याएँ बन चुकी हैं, आयते शिफा दिल और दिमाग को सुकून देती हैं। इससे मानसिक तनाव में कमी आती है और इंसान की फिक्र और चिंता दूर होती है। इसका असर इंसान के पूरे जिस्म पर होता है और वह नकारात्मक ख्यालों से दूर होकर पॉज़िटिव एनर्जी से भर जाता है।

आयते शिफा पढ़ने का सही वक़्त 

आयते शिफा की तिलावत का कोई खास वक्त तय नहीं है, लेकिन मुस्लिम उलमा यह सलाह देते हैं कि इन आयतों को सुबह और शाम के वक्त पढ़ा जाए। बीमार इंसान के सिरहाने बैठकर इन्हें पढ़ा जा सकता है या खुद बीमार व्यक्ति भी इन्हें पढ़ सकता है। यह जरूरी नहीं है कि इन आयातों को सिर्फ बीमारी की हालत में ही पढ़ा जाए, बल्कि रोज़ाना की तिलावत का हिस्सा बनाया जाए ताकि इंसान हर किस्म की बीमारी से महफूज़ रह सके।

नतीजा

आयते शिफा कुरान मजीद की वह खास आयात हैं जिनमें अल्लाह ने अपने बंदों के लिए शिफा रखी है। यह इंसान के लिए न सिर्फ जिस्मानी बल्कि रूहानी बीमारियों का भी इलाज हैं। मुसलमानों के लिए यह यकीन है कि अल्लाह हर बीमारी का इलाज कुरान में रखता है और आयते शिफा इसकी मिसाल हैं। इनकी तिलावत से इंसान का अल्लाह पर यकीन बढ़ता है और वह रूहानी और जिस्मानी बीमारियों से निजात पाता है। 

आयतें शिफा क्या है? जानिए इसे पढ़ने के अद्भुत फायदे

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