सूरह अल फातेहा क़ुरान की पहली सूरह हैं। इसमें कुल 7 आयतें हैं जिसमे अल्लाह के बताये रास्तों पर चलने उसकी ताकत और गुनाहों से माफ़ी की दुआ शामिल हैं। सूरह फातेहा में फातेहा शब्द का मतलब होता हैं किसी चीज़ की चाबी या किसी चीज़ को खोलना। चूँकि सूरह फातेहा क़ुरान की पहली सूरह हैं इसलिए इसमें फातेहा का मतलब भी इसकी पहली सूरह होने को साबित करता हैं। हम हर नमाज़ में इस सूरह को पढ़ते हैं इसी बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की यह सूरह कितनी मुक्क्दस सूरह हैं।
कई इस्लामिक विधवानों का मानना हैं की सूरह फातेहा मक्का में नाज़िल हुई जबकि कुछ का मानना हैं की यह मदीना में नाज़िल हुई। खेर सबसे पहले हमें ये जानना ज़रूरी हैं की सूरह फातेहा में क्या कहा गया हैं या कहे क्या बताया गया है?
सूरह फातेहा और उसका हिंदी में मतलब
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعَالَمِيْنَ ، الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ، مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْنِ ، إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِيْنُ ، اِهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيْمَ ، صِرَاطَ الَّذِيْنَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّآلِّيْنَ
सूरह फातेहा का हिंदी तर्जुमा
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा दयालु और बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला हैं। अल्लाह का बहुत बहुत शुक्रिया जिसने इस पुरे संसार या इस दुनिया को बनाया। अल्लाह ही इस पूरी दुनिया का मालिक हैं। हम सिर्फ आपकी ही इबादत करते हैं और आप से ही हर तरह की मदद की दुआ करते हैं। ए अल्लाह हमें सही रास्तो पर चला, वह रास्ता जो सीधे हमें तेरी तरफ ले जाता हैं। वह रास्ता नहीं तो हमें भटका दे और जहन्नम के रास्ते पर ले जाये।
सूरह फातेहा हमें अल्लाह के बताये रास्तों पर ले जाती हैं। हम हर नमाज़ में इस सूरह को पढ़ते हैं और ये गवाही देते हैं की अल्लाह के सिवा इस दुनिया में कोई नहीं हैं। सूरह फातेहा पढ़ना हर तरह से अफ़ज़ल हैं। ये हमारे बदन और दिल को महफूज़ रखती हैं। इस सूरह को पढ़ने में बहुत शिफा हैं। आज हम यही बताएँगे की सूरह फातेहा को पढ़ने के क्या फायदे हैं और इसकी क्या फ़ज़ीलत हैं?
सूरह फातेहा को पढ़ने के फायदे
- यह हर नमाज़ में पढ़ने वाली सूरह हैं जिससे शख्स अल्लाह के करीब रहता हैं और कई इनामो का हक़दार बनता है।
- सूरह फातेहा पढ़ने वाला शख्स हर तरह की बिमारियों से महफूज़ रहता हैं ये सूरह हमें बीमारियों से बचाती हैं।
- ये सूरह हमारे दिल को मज़बूत रखती हैं हमारे दिल में मौजूद नफरत और गुस्से को बहार निकाल देती है।
- ये सूरह हमारे दिलो में पनप रहें नापाक इरादों को करने से रोकती हैं।
- सूरह फातेहा पढ़ने वाले शख्स को अल्लाह बहुत मदद करता है और उसे हर परेशानी से बचाता है।
- ये सूरह हमारी दुश्मनो से महफूज़ रखती हैं ये सूरह पाबन्दी से पढ़ने वाले शख्स की हिफाज़त की ज़िम्मेदारी अल्लाह की हो जाती है।
- ये सूरह हमें क़यामत के दिन होने वाले अज़ाबों से बचाएगी और हमारे सज़ाओं को कम करेगी।
- सूरह फातेहा हमें हमेशा सही रास्ता दिखाएगी अगर आप को लग रहा हैं की आप गलत रास्तों पर चल रहे हैं तो आप सूरह फातेहा रोज़ पढ़े इंशाअल्लाह आप को सही रास्तो पर ले जायेगा।
- सूरह फातेहा हमारे दिमाग को बहुत मज़बूत रखती हैं और हमें टेंशन और परेशानी से छुटकारा दिलवाती हैं।
- सूरह फातेहा हमें अल्लाह के बहुत करीब लाती हैं जिसकी बदौलत हम गुनाहों से बचे रहते है।
- सूरह फातेहा पढ़ने वाले शख्स के लिए अल्लाह जन्नत के दरवाज़े खोल देता हैं।
- सूरह फातेहा पढ़ने वाला शख्स बुरी बालाओं और आफतों से महफूज़ रहता हैं।
आखरी पैगाम
क़ुरान एक किताब ही नहीं बल्कि इसमें ज़िन्दगी जीने का तरीका मुसीबतों और परेशानियों से बचने का तरीका और गुनाहो से बचने और जहन्नम के अज़ाब से बचने और उसे कम करने की बातें बताई गयी हैं। आजकल के मुसलमानो को दिन भर मोबाइल चलना मंज़ूर हैं। बेमतलब की चीज़े देखना मंज़ूर हैं, लेकिन क़ुरान और नमाज़ पढ़ने के लिए लोगो को वक़्त नहीं हैं। यही वजह हैं की आज का मुसलमान मक्कार चुगलखोर और ग़ीबत से भर चूका हैं। आज का मुसलमान इसलिए परेशान हैं क्यूंकि वह अल्लाह की इबादत के लिए वक़्त नहीं निकालता। उन्हें लगता हैं की हम सिर्फ रमज़ान में इबादत करके पुरे साल के गुनाहों से बच जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हैं अल्लाह की इबादत आपको हर दिन करना हैं तभी आप एक अच्छी और खुशगवार ज़िन्दगी जी पाएंगे और अल्लाह के अज़ाबो जैसे बीमारियों और हादसों से बचे रहेंगे। खैर हम सब को चाहिए की हम अल्लाह की इबादत करे उसके बताये रास्तों पर चले।