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हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी और समंदर वाला वाक़्या

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी और समंदर वाला वाक़्या

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के सबसे प्यारे नबियों में से एक नबी थे। उन्हें कलीमुल्लाह के नाम से उस वक़्त जाना जाता था। जिसका मतलब होता हैं अल्लाह से सीधे बात करना वाला। यानि की हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम में ऐसी करिश्माई ताकत थी की वो सीधे अल्लाह से बात कर सकते थे। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी का ज़िक्र कई हदीसों में आया है। आज हम कोशिश करेंगे की आप को ज़्यादा से ज़्यादा हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में बता सके।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश एक इजराइली परिवार में हुई थी। यानि वह एक इजराइली परिवार से ताल्लुक थे। क़ुरान में हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का नाम करीब 136 मर्तबा आया है। अल्लाह ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को इज़राइली लोगो को हिदायत देने के लिए नबी बना कर भेजा था। उस वक़्त वहां के लोग फिरौन की पूजा करते थे। फिरौन मिस्र का एक ताकतवर बादशाह था। लोग अल्लाह को न मानकर फिरौन को ही खुदा मानते थे। तब अल्लाह ने लोगो की हिदायत देने के लिए हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम वहां के लोगों के लिए नबी घोषित किया।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और फिरौन का सामना 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम लोगों को हिदायत देते की अल्लाह ही सबसे बड़ा हैं उसी की इबादत करना हैं उसी से दुआ करनी हैं। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के वंश से थे जैसा के हमने पहले ही बताया की हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम इज़राइली परिवार में पैदा हुए थे इज़राइली लोग जो की यहूदी थे जिनके 12 कबीले थे या कहे यहूदियों का समूह जिन्हे बनी इसराइल कहा जाता था। बनी इसराइल लोग हज़रत याकूब जिन्हे हज़रत इसराइल भी कहा जाता हैं जिनका अंग्रेजी नाम जैकब था उनसे ताल्लुक रखते थे। उस वक़्त बनी इसराइल लोग ज़मीन पर सबसे अच्छे लोग थे लेकिन मिस्र के लोग इनसे नफरत करने लगे थे। उस वक़्त मिस्र के ताकतवर राजा फिरौन ने सारे बनी इसराइल लोगों को अपना गुलाम बना दिया था। उनसे बहुत काम करवाया जाता था। उन पर ज़ुल्म किया जाता। उनकी औरतों से हर वो काम करवाया जाता था जो फिरौन चाहता था। फिरौन एक बहुत बड़ा घमंडी राजा था। वह अपने आप को खुदा मानता था और इज़राइली लोगो पर बहुत ज़ुल्म करता था। जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पैदा हुए उस वक़्त भी फिरौन का मिस्र का राजा था। 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पैदा होने के बाद की कहानी 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के दुनिया में आने से पहले फिरौन को किसी ने खबर दी थी थी बनी इसराइल लोगों में से एक लड़का जल्द ही पैदा होगा उसके पैदा होते ही फिरौन का सारा साम्राज्य ख़त्म हो जायेगा। ये बात सुनकर फिरौन घबरा गया और उसने अपनी सेना को आदेश दिया की हर बनी इसराइल के घरों की तलाशी करो और जहाँ बच्चा दिख रहा हैं उसे मार दो। फिरौन सिर्फ बेटों को मारना चाहता था बेटियां होने पर वह उन्हें छोड़ देता था। फिरौन का आदेश मिलते ही सिपाही बनी इसराइल के घरों की तलाशी में निकल गए और एक एक करके उनके बच्चो का क़त्ल करना शुरू कर दिया। जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की माँ को इस बात की खबर लगी तब वह भी डर गयी। तब अल्लाह से एक पैगाम उनको आया की तू इसे एक टोकरी में रख कर नील नदी में छोड़ दे इस बच्चे को कुछ नहीं होगा। अल्लाह के हुक्म के मुताबिक उन्होंने आप यानि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को एक टोकरी में घर के पीछे नील नदी में रख दिया। नदी में रखते ही टोकरी भी बहने लगी। 

टोकरी नदी में बह कर फिरौन के महल तक जा पहुंची। टोकरी को देखते ही फिरौन के सिपाहियों ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को टोकरी से निकाला और फिरौन के पास ले गए। महल पहुँचते ही फिरौन की बीवी ने आप यानि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को पहचान लिया और कहा की ये बनी इसराइल के घर का ही बेटा है जिससे हमें खतरा है। फिरौन आप को उसी वक़्त मारना चाहता था लेकिन फिरौन की बीवी ने कहा की इसे मारों मत इसके ज़िंदा रहने से हमारी आँखों को ठंडक मिलती रहेगी की हमारा दुश्मन हमारे सामने ही हैं और हमारी कैद में है। हो सकता हैं ये हमारे लिए खुशनसीब बच्चा हो। फिरौन ने उसकी बीवी की बात मान ली और आप को अपने महल में रख लिया। 

जब आप को भूक लगी थी तब फिरौन ने उसके यहाँ काम करने वाली औरतों को बुलाया और कहा की इस बच्चे को दूध पिलाओ ये भूका हैं और रो रहा हैं। लेकिन अल्लाह की कुदरत देखो कोई भी औरत आप को दूध नहीं पीला पा रही थी सारी औरतें दूध पिलाने में नाकाम रही। फिरौन समझ गया था की ये कोई मामूली बच्चा नहीं। फिर दूध पिलाने के लिए आपकी माँ को तलाशा गया और तलाश करके आपको दूध पिलाया गया। एक हदीस के मुताबिक आप यानि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम फिरौन के महल में ही बड़े हुए। यहाँ तक ही 18 साल के जवान भी उसी महल में हुए आपने ने हज़रत शोएब की बेटी सफुरा से शादी भी की। 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने बड़े होकर लोगों को समझाया की फिरौन की पूजा करना बंद करो और एक अल्लाह की इबादत में यकीन करो। एक हद तक लोग उनकी बात मान भी गए थे। उसी दौरान मिस्र में भयंकर अकाल पड़ा था। लोग कई बीमारियों से मुब्तला हो गए थे। सारे लोग हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास पहुंचे और कहा की हम आपके कहने पर चलेंगे और वादा किया की वह एक अल्लाह की ही इबादत करेंगे। जब लोग बीमारी से ठीक होना शुरू हुए और हालत पहले जैसे होने लगे तब लोग फिरौन के डर से वापिस उसकी पूजा में लग गए। उसी दौरान फिरौन के ज़ुल्म से लोगों को निजात दिलवाने के लिए हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने फिरौन को चेतावनी दी की और कहा की वह लोगों पर ज़ुल्म करना छोड़ दे और लोगो को गुलामी से आज़ाद कर दे। लेकिन घमंडी फिरौन को इस बात का कोई असर नहीं हुआ।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का समंदर वाला किस्सा 

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने बनी इसराइल लोगों को इकठ्ठा किया और फिलिस्तीन के लिए रवाना हो गए। क्यूंकि वो सभी इज़राइली लोगो को फिरौन के ज़ुल्म से निजात दिलवाना चाहते थे। जब फिरौन को आपके फिलिस्तीन जाने का पता चला तब वह एक विशाल सेना के साथ आपका पीछा करना लगा। जब मूसा अलैहिस्सलाम बनी इसराइल के लोगों के साथ लाल सागर तक पहुंचे तब उनके पीछे फिरौन की बड़ी सेना थी जो सबको मारने को तैयार थी और आपके आगे गहरा समुन्दर था। बनी इसराइल के लोगों ने मान लिया था की अब फिरौन उन्हें मार देगा। इतने में हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी छड़ी से समुन्द्र के पानी पर मारा तभी आपके सामने समंदर में एक सूखा रास्ता बन गया और समंदर का पानी अलग अलग हो गया और बीच में सूखा रास्ता बन गया। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और बनी इसराइल के लोगों ने रास्ता पार कर लिया। फिरौन भी उसी रास्ते पर अपनी सेना को लेकर आगे बढ़ने लगा तभी अचानक से रास्ता बंद हो गया और फिरौन और उसकी सेना समंदर में डूब कर मर गयी। 

उम्मीद करते हैं आपको हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और उनके किस्से के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। हदीसों में आप हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की काफी सारी कहानियों का ज़िक्र आया हैं। हम कोशिश करेंगे की आप को आगे भी इस तरह की मालूमात देते रहेंगे। 

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