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हर परेशानी और मुश्किल की इस्लामी दुआएं और वज़ीफ़ा (Har Pareshani Ki Duayen)

हर परेशानी और मुश्किल की इस्लामी दुआएं और वज़ीफ़ा

हर परेशानी और मुसीबत से निजात की इस्लामी दुआयें। आज हर शख्स तरह तरह की परेशानियों और मुसीबतों में मुब्तला हैं। आज के इस आर्टिकल में हम कुछ खास दुआओं के बारे में बातएंगे। जिस पर अमल करके आप इन परेशानियों को ख़त्म कर सकते हो।      

 

बीमारी से परेशानी के लिए 

अगर आप किसी बीमारी से परेशान हैं और काफी इलाज कराने के बावजूद बीमारी जा नहीं रही हैं तो इस अमल को करने से इंशाल्लाह बीमारी खत्म हो जाएगी। 

11 मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़कर 41 बार सूरह फातेहा पढ़े। फिर दोबारा 11 मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़े। फिर उसे पानी पर दम करके वह पानी पियें हो सके तो उसमें थोड़ा आबे ज़म ज़म का पानी भी मिला ले। सात दिन तक उसका पानी थोड़ी थोड़ी देर में जब भी प्यास लगे एक एक घूंट वह पानी पीते रहें। सांतवे दिन शाम को औलियाँ और अम्बियां, पैग़म्बरों के नाम पर फातेहा लगाकर अल्लाह से दुआ करें और अपने गुनाहों की माफ़ी मांगे और कुछ खाना गरीबों, ज़रूरतमंदों में तकसीम कर दें इंशाअल्लाह ये अमल करने से आपकी बीमारी दूर हो जाएगी। 


कामयाबी के लिए वज़ीफ़ा- 

अगर आपको अपनी ज़िन्दगी में कामयाबी नहीं मिल पा रही हैं तो ये अमल ज़रूर करें।  

11 बार दुरूदे ताज पढ़कर 2 रकात नफ़्ल नमाज़ पढ़े हर रकात में सूरह फातेहा के बाद सूरह नस्र 3 बार पढ़े। सलाम फेरने के बाद 11 मर्तबा दुरूदे जुमा पढ़कर अपनी कामयाबी के लिए दुआ मांगे और सुबह शाम यह दुआ पढ़े "अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदीव व आलिही व असहाबिहि बि-अदा-दी मा-फ़ी जमीइल क़ुरआनी हरफन हरफव्वा बि अदा दी कुल्लि हर्फिन अलफ़न अलफ़न

ये पढ़ने से इंशाल्लाह आपको ज़बरदस्त कामयाबी हासिल होगी


रोज़ी में बरकत के लिए 

जो शख्स हमेशा अपनी रोज़ी में बरकत चाहता और चाहता हैं की उसका माल बढ़ जायें तो वह सुबह शाम पाबन्दी से यह दुआ पढ़े।  

"अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दिक़ा व रसूलिका व सल्लि अलल- मुअमिनिना वल मुअ मिनाती वल मुस्लीमीना वल मुस्लिमाती" इंशाल्लाह आपके माल में और बरकत होगी और कभी तंगी नहीं आएगी। 


नौकरी में तरक्की के लिए 

फज्र की नमाज़ के बाद 100 मर्तबा दुरुद शरीफ और 100 बार कुल्हुवल्लाह शरीफ साथ ही साथ दुआ "अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदीव व आलिही व असहाबिहि बि-अदा-दी मा-फ़ी जमीइल क़ुरआनी हरफन हरफव्वा बि अदा दी कुल्लि हर्फिन अलफ़न अलफ़न" पाबन्दी से पढ़े। बेशक आपको अपनी नौकरी में तरक्की हासिल होगी। 


शैतानी ख़यालात दूर करने के लिए- 

जिन लोगों के दिमाग में हर वक़्त बुरे और शैतानी ख़यालात चलते रहे हैं वह ये अमल ज़रूर करें।  

हर नमाज़ के बाद दुरुद शरीफ पढ़कर 13 -13 बार सूरह फलक पढ़ लिया करें आखिर में दोबारा दुरुद शरीफ पढ़कर ऐसे खयालातों से छुटकारा पाने के लिए अल्लाह से दुआ करें। अल्लाह ने चाहा तो आप शैतानी वसवसों से महफूज़ रहेंगे।


कान में दर्द के लिए 

कान में दर्द से छुटकारा पाने के लिए 3 बार सूरह फ़लक पढ़ कर पानी में दम करके पियें इंशाल्लाह कान का दर्द दूर हो जायेगा। 


क़र्ज़ अदा करने के लिए 

जो शख्स कर्ज़दार हैं और क़र्ज़ चूका पाने में अपने आप को लाचार और कमज़ोर महसूस कर रहा हैं। वह सूरह आले इमरान सुबह शाम रोज़ाना 7 मर्तबा पाबन्दी से पढ़े। अल्लाह के करम से उसका क़र्ज़ अदा हो जायेगा और खुद के लिए रोज़ी के इंतेज़ाम भी हो जायेगा। 


कैंसर से निजात ( छुटकारे) की दुआ  

क़ुरान में हर बीमारी में इलाज हैं। जो लोग कैंसर की बीमारी की चपेट में आ चुके हैं या कहे जिनको कैंसर की बीमारी हैं या जो इस बीमारी से बचना चाहते हैं। वो निचे दिए गए फोटो में दी गयी दुआ को ज़रूर देखें इंशाल्लाह आपको इस बीमारी से निजात मिलेगी।

कैंसर के इलाज की दुआ


डिप्रेशन से छुटकारे के लिए दुआ 

अगर आप डिप्रेशन के शिकार हो गए हैं और उससे निकल नहीं पा रहे तो पाबन्दी से ये 2 दुआएँ पढ़े इंशाल्लाह बहुत जल्द आप इस बीमारी से निकल जायेंगे। 

या हय्यू या कय्यूम बिन रहमतिका अस्तगीसु शयन 

दूसरी दुआ "अल्लाहु अल्लाहु रब्बी ला उशरिकु बिहि शिआ (اللَّهُ اللَّهُ رَبِّي لا أُشْرِكُ بِهِ شَيْئًا)"


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