रबीउल औवल इस्लामी साल का तीसरा महीना हैं। कुछ इलाको में इसे बारावफात का महीना भी कहा जाता हैं। लेकिन रबीउल औवल को बारावफात का महीना कहना गलत हैं। इस महीने का चाँद देखकर सूरए मुजादिला पढ़े और बहता पानी देखे। अगर इतना न हो सके तो कम से कम सूरए कौसर पढ़ कर बहता पानी देखे। इस मुबारक महीने की 12 वीं तारीख 571 ई. सुबह में अल्लाह के प्यारे रसूल हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम दुनिया में तशरीफ़ लाये। इसलिए हमें आपकी पैदाइश की ख़ुशी में नए कपड़े पहनना, सदक़ा खैरात करना चाहिए।
रबीउल औवल के महीने में की जाने वाली कुछ ज़रूरी इबादतें
12 वीं की रात 2 -2 रकात की नियत से 20 रकात नमाज़ पढ़कर उसका सवाब सरकारे दो आलम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की रूह को पेश करे।
इस महीने की पहली रात में 4 रकात नफ़्ल पढ़े। हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद 7 -7 बार कुल्हुवल्लाह शरीफ पढ़े। अल्लाह पाक आपको इसकी बरकत से 700 साल की इबादत का सवाब अता फरमाएगा।
12 वीं की रात या दिन में 10 रकात नफ़्ल नमाज़ पढ़े। हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद 11 -11 बार कुल्हुवल्लाह शरीफ पढ़े। फिर इसका सवाब सरकार की रूह को पेश करे। अल्लाह पाक इस इबादत की बरकत से पढ़ने वालो को जन्नत में खास मुकाम अता फरमाएगा।
12 वीं की तारीख को 607 बार कुल्हुवल्लाह शरीफ पढ़े और इसका सवाब सरकार की बारगाह में पेश करे। इंशाअल्लाह आप बेहिसाब सवाबो के हक़दार होंगे।
इस महीने में पांच हज़ार बार दुरुद शरीफ पढ़ कर सरकार की बारगाह में नज़र करे। इस की बरकत से अल्लाह पाक आपके गुनाह बख्श देगा और पढ़ने वाले को सरकार की शफ़ाअत नसीब होगी।
जो शख्स इस महीने में सवा लाख बार अस्सलातो वस्सलामो अलैका या रसूलल्लाह पढ़ेगा। इंशाल्लाह उसे सरकार की ज़ियारत नसीब होगी।
12 वीं तारीख को दुरूदे अकबर, दुरूदे लक्खी, दुरूदे हज़ारी, दुरूदे ताज वगैरह खूब खूब पढ़ने की कोशिश करे ताकि 12 वीं वाले आका के रूहानी फैज़ से आप मालामाल हो सके।
इसके अलावा सदक़ा खैरात करना, दोस्त अहबाब को खाना खिलाना, तोहफे पेश करना भी सवाब का काम हैं। अल्लाह हमें इस मुबारक महीने में इबादत करने की तौफीक अता फरमाए आमीन।